अपने खेत का पैमाइस या नाप कैसे करायें।

नमस्कार! दोस्त आपने मेरे पहले लेख में पढ़ा कि ग्राम सभा की भूमि को आबादी कैसे दर्ज करायें?अब मैं इस पोस्ट को लिख रहा हूं कि अपने भूमिधरी भूमि को अवैध कब्जा से मुक्त कैसे करायें?
              यदि किसी खातेदार का कोई भूमि जो संक्रमणीय भूमिधर हो उसे कोई अन्य व्यक्ति अवैध रूप से कब्जा कर ले। या किसी प्रकार से मेड़ नष्ट हो जाने पर सीमा विवाद उत्पन्न हो तो उसे उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 की धारा 24 के तहत न्यायालय उपजिलाधिकारी के यहां वाद प्रस्तुत कर मेड़बन्दी व कब्जामुक्त कराया जाता है। जिसकी प्रक्रिया निम्नलिखित है।
1आवश्यक शुल्क
              सीमांकन हेतु ₹1000 प्रति गाटा संख्या के हिसाब से सीमांकन शुल्क ट्रेजरी चालान के माध्यम से जमा करना पड़ता है। बिना सीमांकन शुल्क जमा किए कोई भी आवेदन स्वीकार नहीं होगा। यदि दो या दो से अधिक संलग्न गाटा संख्या के सीमांकन हेतु आवेदन किया गया है तो सीमांकन शुल्क एक सेट ही देना होगा यदि प्रत्येक भूखण्ड एक दूसरे से संलग्न नहीं है अर्थात दूर दूर है तो प्रत्येक भूखण्ड का अलग अलग शुल्क जमा करना होगा। इसके अतिरिक्त न्यायालय शुल्क अलग से लगाना पड़ेगा।
2 आवेदन की प्रक्रिया
             आवेदन करते समय आवेदन पत्र के निर्धारित प्रारूप में पक्षकारों के नाम,पिता/पति का नाम,पता,गाटा संख्या, सम्पूर्ण क्षेत्रफल व प्रभावित क्षेत्रफल का विवरण लिखना ज़रूरी है। जिसमें राज्य सरकार के तरफ से भूमि प्रबंधक समिति एक पक्ष होगी।  उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 की धारा 24 के अन्तर्गत मेड़बन्दी कराने के लिए नक्शा, खसरा खतौनी की प्रमाणित नकल आवश्यक है तथा न्यायालय द्वारा मांगें जाने पर जोत चकबंदी आकार पत्र 41 व 45 की प्रमाणित प्रति देना होगा।
3 निस्तारण की प्रक्रिया
1 सीमांकन प्रार्थना पत्र प्राप्त करने के बाद सम्बंधित कर्मचारी सबसे पहले यह जांच करेगा कि इसमें सभी औपचारिकताओं को पूरा किया गया है कि नहीं। यदि किसी प्रकार की कमी रह गई है तो उसे पूर्ण करने के लिए प्रार्थी या उसके अधिवक्ता को इजाजत दी जायेगी। और कमी पूरा करने के लिए मांगा गया अवसर दिया जायेगा।
2 जैसे ही औपचारिकताएं पूर्ण कर दी जाती है तो सम्बंधित कर्मचारी द्वारा प्रार्थना पत्र स्वीकार कर लिया जाएगा और रजिस्टर में दर्ज कर उपजिलाधिकारी के समक्ष उचित आदेश हेतु प्रस्तुत किया जाएगा।

3 उपजिलाधिकारी द्वारा उसी दिन या अगले कार्य दिवस में राजस्व निरीक्षक (कानूनगो) तथा अन्य राजस्वकर्मी को यह आदेश दिया जायेगा कि सभी पक्षकारों को नोटिस तामील कराकर विवादित भूखण्ड या भूखण्डों के सीमांकन की कार्यवाही निर्धारित तिथि के अन्दर पूरी कर आख्या दें। तब राजस्व निरीक्षक द्वारा यह कार्य उपजिलाधिकारी के आदेश की तिथि से एक माह के अन्दर पूर्ण करके आख्या भेजी जाती है।

4 धारा 24 के उपधारा 5 के तहत सभी खातेदार को नोटिस तामील कराई जाएगी किसी खातेदार की अनुपस्थिति में उसके परिवार के वयस्क सदस्य को तामील कराई जाती है और वह नोटिस भूमि प्रबंधक समिति के अध्यक्ष को भी तामील कराई जाती है।

5 समस्त पक्षकारों और भूमि प्रबंधक समिति अध्यक्ष की उपस्थिति में राजस्व निरीक्षक द्वारा स्थल ज्ञाप तैयार किया जाता है जिसपर पक्षकारों व भूमि प्रबंधक समिति अध्यक्ष या सीमांकन के समय उपस्थित दो साक्षियों का हस्ताक्षर कराया जाता है। यदि कोई पक्ष हस्ताक्षर करने से इन्कार करता है तो उसका वर्णन राजस्व निरीक्षक द्वारा आख्या पर किया जाएगा। आख्या में प्रभावित पक्ष का नाम पता लिखा जाता है और 15 दिन के अन्दर प्रेषित किया जाता है।

6 आख्या मिल जाने पर  उपजिलाधिकारी द्वारा आख्या पर यदि किसी पक्ष को कोई आपत्ती है तो उसे 15 दिन में प्रस्तुत करने का अवसर दिया जाता है। नियत तिथि को यदि कोई आपत्ति प्राप्त होती है तो उस पर विचार करने के बाद उचित आदेश पारित किया जाता है।

7 यदि आख्या की पुष्टि कर दी जाती है तो पुष्टि की तिथि से एक सप्ताह के अन्दर आख्यानुसार सीमास्तंभ नियत किया जाता है और आख्या भेजी जाती है जो पत्रावली अभिलेख  का एक भाग होगी।

8 उक्त प्रक्रिया में यदि कोई विरोध उत्पन्न करता है तो उपजिलाधिकारी द्वारा संबंधित थानाध्यक्ष को मौके पर शान्ति व्यवस्था बनाए रखने हेतु आदेशित किया जायेगा और मयपुलिस बल कब्जा दखल कराया जाएगा।
                तो दोस्तों कैसी लगी यह जानकारी कृपया कमेन्ट बॉक्स में जरूर लिखें। यदि जमीन संबंधी किसी अन्य प्रकार की जानकारी प्राप्त करना चाहतें हैं तो कृपया उसे भी कमेंट में जरूर लिखें ताकि मैं उसकी जानकारी दे सकूं। धन्यवाद!



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